मैं निकला सुबह सुबह
चाय पीने को
दुकान पहुँच आर्डर दिया
चाय लाने को
तभी पड़ी मेरी नज़र
अखबार पर
खबर थी बाल मज़दूरों की
रिहाई पर
अखबार पढ़ के मेरा
पारा हुआ गर्म
बाल मजदूरी कराते है इन्हें
आती नहीं शर्म
बच्चे तो स्वयं भगवान का
रूप होते हैं
फिर क्यों ये लोग भगवान से
दूर होते हैं
जिन हाथों में किताब
होनी चाहिए
क्यों उन पर जिम्मेदारी का बोझ
दे देते हैं
बच्चे तो इस देश का
भविष्य है
क्यों ये लोग इस बात से
अनभिज्ञ है
पढ़ते पढ़ते मेरा ध्यान गया
चाय पर
कहाँ मर गया ये "छोटू" अब तक
चाय क्यों नहीं लाया।
-विशाल "बेफिक्र"
Saturday, September 17, 2016
चाय क्यों नहीं लाया "छोटू" ?
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