Sunday, September 18, 2016

किंचित हूँ

किंचित हूँ
लेकिन इस हाल पर
चिंतित हूँ

वंचित हूँ
लेकिन अप्राप्त पर
अचंभित हूँ

खंडित हूँ
लेकिन हुए विनाश से
चकित हूँ

रिक्त हूँ
लेकिन परिपूर्णता से
सिंचित हूँ

विक्षिप्त हूँ
लेकिन चित्त से
संतुलित हूँ

संलिप्त हूँ
लेकिन इस दौर से
वियुक्त हूँ

आसक्त हूँ
लेकिन भवसागर से
मुक्त हूँ

            -विशाल "बेफिक्र"

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