Wednesday, September 21, 2016

तुम जब  छोड़ गए

अब कहाँ वो
   होगा सावन
अब कैसा ये
   होगा यौवन
तुम जब
   छोड़ गए
   यूँ तोड़ गए।।

अब कौन
   रहेगा खेवनहार
अब कैसे
   हो नैया ये पार
तुम जब
   छोड़ गए
   मुंह मोड़ गए।।

मेरा क्या मैं तो
   अब जी ही लूंगी
बहते इन आंसू को
   अब पी ही लूंगी
तुम को क्या?
तुम जब
    छोड़ गए
    झकझोर गए।।

उस माँ का क्या अब
    दोगे हिसाब
उस बाप को क्या अब
    दोगे जवाब
तुम जब
    छोड़ गए
    किस ओर गए।।

मुझको क्या मिला मैंने
   सब है खोया
सीमा पर जिसका सुहाग
   हैं यूँ सोया
बाकी को क्या?
तुम जब
    छोड़ गए
    यूँ खो गए।।

माना कि मौत तो
    आनो है सब को
पर क्या सही समय था
    ये पूछूँगी रब को
इतनी जल्दी क्यों?
तुम जब
     छोड़ गए
     मुंह मोड़ गए।।

     -विशाल "बेफिक्र"

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