1.
हुक्मरानों के तब तख्तोताज हिलेंगे...
जब चश्मे खुशफहमी के आंखों में न रहेंगे ।
2.
तक़दीर इस कदर सोई है मेरी...
उसको जगाने में, मैं भी सो जाता हूँ ।
3.
कोशिशें लाख करता हूँ...
दौड़ जाने की...
कुछ पाने की...
आजमाने की...
4.
सोया हूँ नींद में ,
मत पूछो क्यूँ..
और कब से ?
देख दुनिया की तस्वीर
शर्म से आंखें ...
बन्द हैं जबसे ।
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