Tuesday, August 4, 2020

चश्मे खुशफहमी के आंखों में न रहेंगे ।

1. 
हुक्मरानों के तब तख्तोताज हिलेंगे...
जब चश्मे खुशफहमी के आंखों में न रहेंगे ।

2.
 तक़दीर इस कदर सोई है मेरी...
उसको जगाने में, मैं भी सो जाता हूँ ।

3. 
कोशिशें लाख करता हूँ...
दौड़ जाने की...
कुछ पाने की...
आजमाने की...

4. 
सोया हूँ नींद में ,
मत पूछो क्यूँ..
और कब से ?
देख दुनिया की तस्वीर
शर्म से आंखें ...
बन्द हैं जबसे ।

5. 
सोये हो खोये नहीं...
जाग जाओ ..बेहोश हो अभी.. मदहोश नहीं ।


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@imvishalyadav

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