Wednesday, August 5, 2020

जय श्रीराम !

भव-बाधा सब
हरते राम,
कृपा-भाव ही
रखते राम,
मर्यादा-मान का
बस सम्मान,
पुत्र, बंधु, पति,
पिता श्रीराम,
कर्तव्य-परायण
हर बन्धन में राम,
पुरुषों में उत्तम
हैं प्रभु राम,
देवों के राजा
जय श्री राम,
संकट अनेक तुम
सहते राम,
मिथ्या, सच में
हो तुम राम,
मन,तन में 
बसते श्रीराम ।
-बेफ़िक्र

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