Sunday, May 19, 2024

 ज़िंदगी बस 

जीए जा रहा हूं 

काफिलों हुजूमों में

अकेला रह

सुकून की तलाश

किए जा रहा हूं, 


तू ख़्वाब है मेरी

खुली आंखों का

टूटे न कहीं,

छूटे न तू मुझसे

जागा फिरता मैं

नींद से दूर हुए जा रहा हूं

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