ज़िंदगी बस
जीए जा रहा हूं
काफिलों हुजूमों में
अकेला रह
सुकून की तलाश
किए जा रहा हूं,
तू ख़्वाब है मेरी
खुली आंखों का
टूटे न कहीं,
छूटे न तू मुझसे
जागा फिरता मैं
नींद से दूर हुए जा रहा हूं
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