नींद पलकों से कब जाएगी सोने का बहाना जब तुम हो सपनों के बगिया में जैसे कोई मेरा मन-भंवर सा गुम हो।
तारों के बीच खोता न चमक ऐसे चाँद की झलक तुम हो शीतल चाँदनी में घुली सी कोई ताज़ी मन-मोहक बयार तुम हो।
- "बेफ़िक्र"
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