Friday, January 11, 2019

धुआँ धुआँ जल के जो ये राख बच गयी,
ये मेरी ज़िंदगी की कुछ आस बच गयी ।
क़यामत आने से जो जलजला बना था,
उस जलजले से बस कुछ आग बुझ गयी ।

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