Saturday, September 28, 2024

 कुछ सोचकर

मैं चल रहा 

मेरी न किसी 

से होड़ है,


जिंदगी चल 

रही साथ में

मेरी अब खुद

से ही दौड़ है,


थकू न कभी

रुकूं न कहीं 

प्रभु विनती 

यही हाथ जोड़ है,


मिले कोई जो 

आपदा 

साहस साथ

बस सदा, 


हूं तैयार अब

हो कोई सजा 

कुर्बान अब

न होऊं बेवजह,


चलो तुम 

कौन रोक रहा

करो कुछ

कौन टोक रहा,


कर्तव्य ही

हो अब धरम 

डरो नहीं, 

न करो शरम,


यही वो वक्त है

मान लो

सोचते उसे करने

की ठान लो।