वो अफज़ल को गुरु कहते हैं ,
हम शिक्षक को गुरु कैहते हैं
वो भारत की बर्बादी कहते हैं ,
हम वन्दे मातरम कहते हैं
वो कश्मीर की आज़ादी कहते हैं,
हम कश्मीर की आबादी कहते हैं
वो पाकिस्तान ज़िंदाबाद कहते हैं ,
हम हिंदुस्तान ज़िंदाबाद कहते हैं
वो भारत के टुकड़े करते हैं,
हम उन टुकड़ो में रहते हैं
वो आतंकी को शहीद कहते हैं ,
हम हनुमन को शहीद कहते हैं
वो चैन से सो सके इसीलिए,
हम सियाचिन पे बेमौत मरते हैं
वो सुरक्षित रह सकें इसीलिए ,
हम सीमा पर रहते हैं
वो पढ़ कर राष्ट्रद्रोह कर सकें ,
इसलिए अनुदान हम करते हैं
वो कानून और तंत्र का मखौल सकें,
हम इस बात से खौफ में रहते हैं
अरे सांस तो ले सकता था हनुमन,
गर वो लोग गर्व से हिन्दुतानी कह सकें